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चांदनी रात पर शायरी- Chandni Raat Shayari in Hindi | रात पर शायरी

Chandni Raat Shayari In Hindi

Chandni Raat Shayari In Hindi


चाँद को हमेशा से ही मोहब्बत से जोड़कर देखा जाता है. कई लोग अपने महबूब की तुलना चाँद से करते हैं. प्यार का अहसास चाँद के बिना अधूरा सा रहता है. सोचो, कि चांदनी रात हो और आपका महबूब साथ हो, तो खूब समां हो. चांदनी रात पर हिंदी शायरी बहुत लिखी गयी है. जब कभी भी अपने प्रेमी या प्रेमिका, दोस्त या किसी अन्य ख़ास की तारीफ करने की बात आती है तो चाँद से उसकी तुलना की जाती है. इस लेख में Chandni Raat Shayari In Hindi का बेहतरीन कलेक्शन इकठ्ठा करके आपके लिए लिखा गया है. आज की इस चांदनी रात में आप यह शायरी अपने बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड या दोस्त को भेजकर अपने होने का अहसास करा सकते हैं. 


Chandni Raat Shayari In Hindi

चांदनी रात शायरी हिंदी 


अँधेरी है रात, तू उजाला बनकर आ जा,
चाँद के साथ, तू चांदनी रात बनकर आ जा  

इस चांदनी रात में गर कोई नज़र आये तो, 
समझ लेना महबूब आया था मेरा, 
क्यूंकि इस रात के बाद गर कोई खूबसूरत है तो वो है || 
Love You Jaan

चाँद से प्यारी चाँदनी, 
और चाँदनी से प्यारी रात, 
रात से प्यारी किरणे, और 
किरणों से प्यारे आप !! 


मैं शाम लिखू तू रात कह देना !
में चाँद लिखू तू हर बात कह देना !
मैं ख़ामोशी लिखूं तू बस मुस्कुरा देना !
मैं जज़्बात लिखूं तू वह बात समझ लेना !
मैं तेरा नाम लिखू,तू इश्क़ कह देना !!  


मेरे चाँद गुज़र मेरी खिड़की से, 
   तुझे माथे पे 
अपने सजा लूँ में, 
तुझे बांध लूँ अपनी जुल्फों से, 
तुझे अपना रब बना लूँ में, 

चाँदनी रात
"सितारों की महफ़िल में 
   करके इशारा
कहा अब तो सारा 
जहाँ है तुम्हारा 
मोहब्बत जवां हो 
खुला आसमान हो 
करे कोई दिल 
आरज़ू और क्या 
ये रातें, ये मौसम, 
नदी का किनारा 
ये चंचल हवा "


हर रात चांदनी रात नहीं होती, 
हर दोस्त में आप जैसी बात नहीं होती, 
ना जाने कौन सी सजा दे रहा है खुदा, 
जो आज कल हमारी आपकी बात नहीं होती !!


"चाँदनी रात" 
हर रास्ता एक सफर चाहता है !
हर मुसाफिर एक हमसफ़र चाहता है !
जैसी चाहती है चांदनी चाँद को !
इस कदर ही हम आपको चाहते है !!



हक़ीक़त ना सही तुम ख्वाब की तरह 
          मिला  करों 
             भटके हुएँ मुसाफिर को तुम 
                       चाँदनी रात की 
तरह मिला करो  बर्बाद होगा 
       ये गरीब दोनों पहलूँ में 
                    कच्चे घर पर मेरे तुम बरसात की   
                           तरह मिला  करों 
हल्का हल्का ज़िक्र आएं हर साँस में तेरा 
एक दफा तुम मुझको उस मुलाकात की 
    तरह मिला करों !!


चाँद न चांदनी  को याद किया !
रात न सितारों को याद किया !
  हमारे पास ना तो 
     चाँद है और ना चाँदनी 
इसीलिए हमने अपने चाँद से 
प्यारे महबूब को याद किया !!


कितने तारे हैं आसमान में 
    पर चाँद जैसा नहीं 
कितने चेहरे हैं इस जमीं पर 
पर तेरे जैसा नहीं !!
          

मुझे तुम बहुत अच्छे लगते हो !
एक दम अपने और सच्चे लगते हो !
साथ रहेंगे और सितारों को देखेंगे !
और सारी सारी रात बिता देंगे !
तुम रहना वफादार तुम्हे चाँद 
       लाकर नहीं 
उस पर लेजा कर बिठा देंगे !!


Chandni Raat Shayari


ज़िन्दगी जब भी तेरी बज़्म में लाती है हमें 
यह ज़मीं चाँद से बेहतर नज़र आती है हमें 
सुर्ख फूलों से महक उठती है दिल की राहें 
दिन ढले यूं तेरी आवाज़ बुलाती है हमें 
यादें तेरी कभी दस्तक,कभी सरगोशी, से 
रात के पिछले पहर रोज़ जगाती है हमें 



काश मेरा भी ऐसा नसीब हो कि 
मेरी भी हर रात मेरे जानू  की 
        बाहों में हों !!



रहने दो ज़ुल्फ़ों को चेहरे 
       पर यूँ ही !!
ये चाँद बादलो में ज़्यादा 
   हसीं लगता है !!


रात में जब ये चाँद सितारे चमकते है, 
हम भी हर पल आपकी याद में तड़पते है, 
आप तो चले जाते हों छोड़कर हमें,
हम तो रात भर आपसे मिलने को तरसते है,  


ये सितारें चाहते है की रात आएं, 
क्या लिखें जो आपका जवाब आएं, 
सितारों की चमक तो नहीं है मुझमे,
लेकिन हम ऐसा क्या करें कि आपको,
       हमारी याद आएं !! 


चाँद सितारों का नूर आप पर बरसे, 
हर कोई आपकी दोस्ती को तरसे, 
जिंदगी में आप पर इतनी खुशियां बरसे, 
की आप एक गम को तरसे !!


रात को रात का तोहफा नहीं दिया जाता !
फूल को फूल का तोहफा नहीं दिया जाता, 
देने को हम आपको चाँद भी दे सकते है !
लेकिन चाँद को चाँद का तोहफा नहीं दिया जाता !!


किसने कहा हमें आपकी याद नहीं आती !
आपको ना सोचें ऐसी कोई रात नहीं जाती !
     वक्त बदल जाता है !
      आदतें नहीं बदलती !
आप खास हो ये बात सबसे कही नहीं जाती !!


कितनी हसीं चांदनी रात थी !
जब वो बैठी मेरे पास थी !
प्यारी,प्यारी बातें कर रहे थे दोनों !
लग रहा था कि अब वो मेरे साथ थी !
सपने में ही सही मगर वो मुलाक़ात !
    बड़ी ख़ास थी !!


चाँदनी रात में वो झील सी आँखे उसकी !
        जिन में लहरें भी न थी 
       चाँद का झिलमिल भी न था ! 
एक तसव्वुर था सराबों से भरे सहरा का !
    ऐसा दरया था कि पानी न था !
ज़िन्दगी उसके बिना मर के गुज़ारी क्योंकि !
भूलना उसको भी मेरे लिए मुश्किल न था !


तारे पूछते है मेरा चाँद कहा !
चाँद पूछता है मेरी चाँदनी कहा !
     और रात पूछती हैं 
तीनो के बिना मज़ा कहा !!


Chandni Raat Shayari





चांदनी रात में बस आपको देखते रहें 
      बस एक यही सपना 
मेरा पूरा हो जाये !!


आपकी याद आती रही रात भर 
चाँदनी दिल दुखाती रही रात भर 
एक उम्मीद से ये दिल बहलता रहा 
एक तमन्ना सताती रही रात भर !!


लफ़्ज़ों से बयां कर ना पाते आपकी 
   तारीफ ए हुस्न को !
आप तो बस्ते हो ख्वाब में 
     चाँदनी रात की तरह !
भूला नहीं पाते आपकी नूर ए सूरत  
              को हम !  
आप तो रहते हो यादों में 
ढलती शाम की तरहा !!


उदास नहीं होना क्योंकि 
  मैं साथ हूँ 
सामने ना सही पर 
     आस पास हूँ 
पलकों  बंद कर के 
    दिल में देखना 
मैं हर पल तुम्हारे साथ हूँ !!


Chandni Raat 
मैं अँधेरा था इस तरह 
बेबसी ने घेरा था 
वो किसी और का हुआ आज
जो कल तक सिर्फ मेरा था !! 


रात आधी है बात आधी है 
बहके बहके कदम 
एक दूजे को लेके बाहों में 
 आ लिपट जाएँ हम !!


इस गहरी रात में उनकी याद का 
    झोंका फिर आ गया !!
हैं खुशनसीब हम बहुत क्योंकि 
खवाबों में उनसे मिलने का मौका 
          फिर गया !!


इन आँखों को जब तेरे चाँद जैसे 
चेहरे का दीदार हो जाता है !
सच कहूं तो दिन कोई सा भी हो 
लेकिन त्यौहार हो जाता है !!



खूबसूरत सी लग रही है ये रात,
ना जाने कोई तो है बात, 
शायद तुम्हारा है साथ 
तभी तो है इस रात में बात !!



Chand Shayari



चाँदनी रातों में कुछ भीगे ख्यालो की तरह 
मैने चाहा तुम्हे दिन के उजालों की तरह 
गुज़रे थे जो कुछ लम्हें तुम्हारे साथ 
मेरी यादों में चमकते है वो सितारों 
           की तरह !!


  चांदनी रात 
तुम पूछ लेना सुबह से 
न यकीन हो तो शाम से 
ये दिल धड़कता है तेरे ही नाम से !!


कितना हसीं चाँद सा चेहरा है 
उस पर सबाब का रंग गहरा है 
खुदा को यकीं नहीं था वफ़ा पर 
तभी तो एक चाँद पर हज़ारों का पहरा है !! 


चाँद का क्या कसूर 
अगर रात ही बेवफा निकली 
कुछ पल के लिए ठहरी और 
  फिर चल निकली 
उनसे क्या कहे वो तो सच्चे थे 
हमारी तक़दीर ही हमसे खफा निकली !!


ऐ चाँद तू भी भूल जाएगा 
   अपने आप को 
जब सुनेगा दास्ताँ मेरे 
    प्यार की 
क्यूँ करता है गुरुर तू
    अपने आप पर इतना 
तू तो सिर्फ परछाई है मेरे 
   यार की !!


ना चाँद चाहिए 
ना फलक चाहिए 
मुझे बस तेरी एक 
झलक चाहिए 
चाँद रात मुबारक जान !!

उम्मीद करती हूँ कि ये शायरी आपको जरूर पसंद आयी होगी। चांदनी हो रात या फिर अमावस हो, मैं हमेशा तेरा साथ चाहती हूँ. तेरे लिए बहुत सारा प्यार और मेरी दुआएं। खुदा करे तू जहां भी जैसे भी रहे खुश रहे. 

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